कैड/कैम

फ़ुटवियर उद्योग में 'कंप्यूटर-साधित डिज़ाइन' अर्थात् सी.ए.डी./कैड और 'कंप्यूटर-साधित विनिर्माण' अर्थात् सी.ए.एम./कैम से अभिप्राय कंप्यूटर एवं ग्राफ़िक्स सॉफ़्टवेयर का जूते के अपर पैटर्नों की डिज़ाइनिंग एवं ग्रेडिंग के लिए और डाई-कटिंग, जूते के लास्ट एवं मोल्ड-निर्माण के लिए उपयोग करना है। कैड/कैम एक पी.सी.-आधारित सिस्टम होता है जो प्रोग्राम-मॉड्यूलों से बना होता है। आजकल जूता उद्योग में कैड/कैम के 2डी और 3डी संस्करण आ गए हैं। जूता उद्योग में कंप्यूटर-साधित डिज़ाइनिंग का पदार्पण 1970 में हुआ था। आरंभ में इसका उपयोग प्राथमिक रूप से पैटर्न की ग्रेडिंग के लिए किया गया था। इसने निर्माताओं को जटिल ग्रेडिंग का कार्य अधिक आसानी और तत्परता से करने में समर्थ बनाया। आजकल के कैड सिस्टम विभिन्न पंक्शनों की अधिक व्यापक रेंज के साथ विकसित किए जाते हैं।लोगो, टेक्स्चर और अन्य प्रकार के साज-सज्जा संबंधी तत्वों को अपर और सोल दोनों प्रकार के प्रोडक्ट-डिज़ाइनों में शामिल किया जा सकता है। इससे प्रोडक्ट के सभी भागों पर ब्रांडिग को दमदारी से प्रस्तुत करने में मदद मिलती है। कार्य की गति और स्थिरता को बढ़ाते हुए और उसी प्रकार गलतियों की संभावना को घटाते हुए यह रोज़मर्रा की प्रक्रियाओं का स्वचालन करता है।फुटवियर व्यापार में आदि से अंत तकविविध प्रकार की गतिविधियों के लिए कैड डाटा का अब प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सकता है। कैड/कैम डिज़ाइनिंग के स्तर पर डाटा जेनरेट करता है, जिसका प्लानिंग और विनिर्माण के स्तर से ही उपयोग किया जा सकता है।.

कैड/कैम तकनीकी में हुए नवीनतम परिवर्धन इस प्रकार हैं-:
  • ग्राफ़िक्स की क्षमताओं और अंतर-संबद्धता में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है।
  • सॉफ़्टवेयर के विकास ने सिस्टमों को उन्नत तौर पर अधिक सहज और उपयोग में अधिक सरल बनाया है।
  • 2डी स्केच और पेंट मॉड्यूलों के साथ एक सटीक, टिकाऊ और फ़ायदेमंद (सर्विसेबल) स्केट तैयार किया जा सकता है, और फिर इसमें रंग और टेक्स्चर जोड़े जा सकते हैं।
  • 3डी सिस्टम लास्ट और डिज़ाइन को किसी भी पर्सपेक्टिव और अलग-अलग कोणों से एक साथ देखने में सक्षम बनाते हैं।

कैड/कैम सॉफ़्टवेयर के साथ फ़ुटवियर निर्माता अपने बाजार के समय की अप्रत्याशित तरीके से बचत कर सकते हैं और इस प्रकार अपना बाजार की हिस्सेदारी (शेयर) और लाभार्जन क्षमता बढ़ जाती है। इसके साथ ही, इन सॉफ़्टवेयर की ताकत और लचीलापन से डिज़ायनर की रचनात्मकता की राह में परंपरागत तौर-तरीतों के कारण आने वाले अवरोधों को भी दूर किया जा सकता है।