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'लास्टिंग' वह प्रक्रिया है जहाँ जूते का आकार बनना आरंभ होता है। जूते का ऊपरी भाग ('अपर') लास्ट के पिछले हिस्से से जोड़ा या 'टैक' किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले हिस्से ('बैक') की ऊँचाई ठीक है। इसके बाद इसे दोनों सिरों ('साइड') पर हाथ से लास्ट करने से पहले ..........की ओर खींचा जाता है। अंगूठे वाले हिस्से की लास्टिंग करना यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होता है कि जूते का अपर लास्ट के साथ ठीक प्रकार से 'फिट' हो गया है। जूते के 'अपर' को 'लास्ट' के ऊपर की तरफ खींचा जाता है और अँगूठे की ओर 'इनसोल', दोनों साइड और 'सीट' के साथ जोड़ दिया जाता है। लास्टिंग करने से पहले अपर को एक विशेष कमरे में अनुकूलित ('म्यूल') किया जाता है ताकि उसकी नमी को काफी हद तक हटाया जा सके और जिससे चमड़े को लास्ट के आकार में ढाला जा सके।